Soil fertility :  खेतों में फसलों से दुगनी पैदावार लेना है तो मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने का रामबाण तरीका जाने

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यदि आपके खेतों से अच्छा उत्पादन नहीं मिल रहा तो इस रामबाण तरीके से बढ़ाये मिट्टी(Soil fertility)की उर्वरक क्षमता और फिर देखे पैदावार में इसका रिजल्ट पड़े पूरी डिटेल्स..

Soil fertility :  खेतों में फसलों से दुगनी पैदावार लेना है तो मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने का रामबाण तरीका जाने | किसान साथियों आज के आधुनिक दौर में हर एक किसान खेती से दुगनी पैदावार करने के लिए कई अलग-अलग तरीके आजमाते हैं जैसे कि रासायनिक उर्वरक की अधिकता कई प्रकार की दवाइयां खेतों को उपलब्ध करते हैं

लेकिन इन सभी तरीकों से सिर्फ एक सीमित समय ताकि अच्छी पैदावार ली जा सकती है लेकिन अगर लंबे समय तक खेतों से फसलों की अधिक पैदावार लेना है तो उसकी जड़ उसकी में जड़ पर काम करना होगा किसानी सलाह के लिए  व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए यहां दबाए-:WATSUP GROUP में जुड़े

इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खेत की मिट्टी का रखरखाव इसकी उर्वरा क्षमता को बढ़ाना और यह सभी दवाइयां और रासायनिक खाद मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने की जगह घटाने का काम करती है:Soil fertility

आज हम बताएंगे आपको विशेषज्ञ और वैज्ञानिक का आधुनिक तरीका जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि ला जा सकती है और लंबे समय तक खेत की फसल से अच्छी पैदावार ली जा सकती है और मिट्टी के उर्वरक सकता बनी रहती है तो आईए जानते हैं सब कुछ विस्तार से

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मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए करें यहां काम उत्पादन में होगी बंपर बढ़ोतरी

Soil fertility | किसान साथियों आप सभी जानते होंगे कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी की उत्पादन क्षमता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है और उर्वरक क्षमता कम होने से किसानों को उत्पादन भी कम मिल रहा है जिससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है उसी के साथ में किसान साथियों उर्वरक क्षमता कम होने से कई प्रकार की समस्या खेती में देखने को मिल रही है

विभिन्न प्रकार के रोग किसानों की फसल में देखने को मिल रहे हैं जो पहले नहीं देखने को मिल रहे थे कुछ दिनों से रासायनिक उर्वरकों का उपयोग भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि रासायनिक उर्वरक उस समय पर तो हमें अच्छे रिजल्ट दे देते हैं जिस समय

हम उन्हें इस्तेमाल करते हैं लेकिन दीर्घकाल में वहां हमारी भूमि के लिए काफी नुकसान दे रहते हैं उसी के साथ में किसान ऐसी गलती कर देते हैं जिनसे मिट्टी की उर्वरक क्षमता लगातार कम होती जा रही है जैसे कि पराली जलाना गोबर की खाद का गलत तरीके से इस्तेमाल कर लेना और मिट्टी की गहरी जुताई नहीं करना

भूमि को कुछ समय का आराम नहीं देना और भी कुछ ऐसे कारण है जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता लगातार कम होती जा रही है आज हम विस्तार से बात करेंगे कि आप मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं और अपने उत्पादन में वृद्धि कैसे ले सकते हैं तो आई चलिए जानते हैं

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क्या कारण है जिससे काम हो रही है उपर्जन क्षमता ! Soil fertility

ऐसे कई गलती लगातार अभी किसान कर रहे हैं जिससे मिट्टी की उपार्जन क्षमता कम होती जा रही है जैसे की आवश्यकता ना होने पर भी रासायनिक उर्वरक का उपयोग उसी के साथ में किसान पराली जलाना मिट्टी को आराम ना देना दलहन फसलों की खेती न करना

उसी के साथ में की और भी कारण है जिससे मिट्टी की उपार्जन क्षमता लगातार कम होती जा रही है लेकिन सबसे प्रमुख जो कारण है किसान लगातार रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और मिट्टी की बिना जांच करवा वह इन उर्वरकों का उपयोग कर रहे हैं कोई असल में उन्हें यहां पता ही नहीं है की मिट्टी को उर्वरकों की आवश्यकता नहीं है

जो वह इस्तेमाल कर रहे हैं किसान इन रासायनिक उर्वरकों की अपेक्षा कुछ जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं इससे मिट्टी की उपार्जन क्षमता में भी वृद्धि होती है और यह रासायनिक उर्वरकों की अपेक्षा कुछ सस्ते भी किसान को मिल जाते हैं

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Soil fertility || क्या करें जिससे हो मिट्टी की उपार्जन क्षमता में वृद्धि

1. गोबर का खाद :- गाय का गोबर मिट्टी में उपजाऊ क्षमता बढ़ाने में सबसे ज्यादा सहायक होता है क्योंकि गाय के गोबर में कुछ जरूरी तत्व मिलते हैं जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि और किसान साथियों गोबर के खाद के इस्तेमाल करने से किसानों को उत्पादन में काफी अच्छी वृद्धि देखने को मिलती है गोबर के खाद के इस्तेमाल से किसानों को के रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है जिससे किसानों का काफी पैसा भी बचता है किसान एक एकड़ में चार से पांच ट्रॉली गोबर के खाद का उपयोग कर सकते हैं

2. वर्मी कंपोस्ट खाद :- जो किसान सब्जी वर्गीय फसलों की खेती करते हैं उनके लिए वर्मी कंपोस्ट खाद एक वरदान से काम नहीं है वर्मी कंपोस्ट खाद से भूमि की उत्पादन क्षमता में काफी वृद्धि हमें देखने को मिलती है वर्मी कंपोस्ट खाद कई प्रकार से भूमि को लाभ पहुंचता है और वर्मी कंपोस्ट खाद के उपयोग से किसानों को कई प्रकार के उर्वरक जो उन्हें एक संतुलन बनाने के लिए सब्जियों में उपयोग करने की जरूरत पड़ती है वह भी काम हो जाती है जिससे किसानों को काफी फायदा मिलता है

3. मिट्टी की जांच :- किसान साथियों किसी भी प्रकार के जैविक और रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने से पहले आप एक बार आपकी भूमि की जांच अवश्य करवा क्योंकि मिट्टी की जांच करवाने के पश्चात ही हमें पता चलता है की मिट्टी में किस चीज की कमी है जिसकी पूर्ति आप कर सकते हैं और किसान जाने अनजाने में कुछ ऐसी चीजों का इस्तेमाल कर लेते हैं जिनकी आवश्यकता हमें नहीं होती है यदि मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की कमी होती है तो आप उसमें गोबर की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं

4. दलहन फसलों की खेती :- किसान दलहनी फसलों की खेती समय-समय पर कर सकते हैं क्योंकि दलहनी फसलों की खेती करने से भी मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है क्योंकि दलहनी फसलों की जड़ों में राइजोबियम बैक्टीरिया पाया जाता है जिस भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है

नोट,, किसान साथियों यह जानकारी जो हमने आपको दी है या किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से ली गई है तो इसे अमल में लाने से पहले आप विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले !..Soil fertility

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