Sichayi Vidhi : सिंचाई की ऐसी विधि जो आपकी फसल के उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़ दुगना उत्पादन देगी !मंडी भाव प्लांट भाव मिल डिलीवरी दिल्ली मुंबई चेन्नई कोलकाता लाइन और सभी की तेजी मंदी की नई अपडेट के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर जुड़े हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें WATSUP GROUP में जुड़े
सिंचाई की सबसे सरल और आधुनिक विधि
रबी फसल की बुवाई करने के बाद अब सभी किसान भाई फसल की सिंचाई में लगे हैं इसी के संदर्भ में आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं एक ऐसी सिंचाई विधि के बारे में जिसमें पानी का भी कम इस्तेमाल होता है और फसल का उत्पादन भी काफी अच्छा आता है इस विधि के बारे में हम इस आर्टिकल में पूरी विधि के बारे में विस्तार बताएं पूरी विधि अंत तक पढ़े
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स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति एक आधुनिक और कुशल सिंचाई विधि है, जिसमें पानी को विभिन्न दिशाओं में छिड़काव के माध्यम से फसलों तक पहुंचाया जाता है। यहाँ स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति की पूरी विधि है:
स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति के घटक
1. पंप पानी को स्प्रिंकलर सिस्टम में पंप करने के लिए उपयोग किया जाता है।
2. पाइपलाइन: पाइपलाइन पानी को पंप से स्प्रिंकलर हेड तक पहुंचाने के लिए उपयोग की जाती है।
3. स्प्रिंकलर हेड: स्प्रिंकलर हेड पानी को विभिन्न दिशाओं में छिड़काव के माध्यम से फसलों तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है।
4. फिल्टर: फिल्टर पानी में मौजूद अशुद्धियों को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।
5. वाल्व: वाल्व पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
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स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति की विधि
1. पंप को चालू करें: पंप को चालू करें और पानी को पाइपलाइन में पंप करें।
2. पानी को फिल्टर करें पानी को फिल्टर से गुजरने दें ताकि अशुद्धियों को हटाया जा सके।
3. पानी को स्प्रिंकलर हेड तक पहुंचाएं: पानी को पाइपलाइन के माध्यम से स्प्रिंकलर हेड तक पहुंचाएं।
4. स्प्रिंकलर हेड को चालू करें: स्प्रिंकलर हेड को चालू करें और पानी को विभिन्न दिशाओं में छिड़काव के माध्यम से फसलों तक पहुंचाएं।
5.पानी के प्रवाह को नियंत्रित करे: वाल्व का उपयोग करके पानी के प्रवाह को नियंत्रित करें ताकि फसलों को आवश्यक पानी मिल सके।
6. स्प्रिंकलर सिस्टम की निगरानी करें: स्प्रिंकलर सिस्टम की निगरानी करें और आवश्यकतानुसार मरम्मत करें।
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स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति के लाभ
1. पानी की बचत: स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में पानी की बचत होती है।
2. फसलों की उत्पादकता में वृद्धि: स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
3. कम श्रम: स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में कम श्रम की आवश्यकता होती है।
4. कम रसायनों का उपयोग*: स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में कम रसायनों का उपयोग होता है।

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