sarso and gehu report : सरसों और गेहूं बुवाई आंकड़े जाने भाव पर इसका असर ! इसी तरह मंडी भाव प्लांट भाव मिल डिलीवरी दिल्ली मुंबई चेन्नई कोलकाता लाइन और सभी की तेजी मंदी की नई अपडेट के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर जुड़े हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें WATSUP GROUP में जुड़े
भारत में गेहूं की बुआई में ६.६% की वृद्धि जाने कैसे
कृषि मंत्रालय के अनुसार, १ अक्टूबर से शुरू हुई बुआई के बाद अब तक २० मिलियन हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है, जो कि पिछले साल की तुलना में ६.६% अधिक है।
गेहूं के कुछ मुख्य बिंदु
1. गेहूं की बुआई में वृद्धि: २० मिलियन हेक्टेयर में बुआई, पिछले साल से ६.६% अधिक।
2. सरसों की बुआई में कमी: ७.६ मिलियन हेक्टेयर में बुआई, पिछले साल से ८ मिलियन हेक्टेयर से कम।
3. गेहूं उत्पादन में वृद्धि: अधिक बुआई से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद।
4. कीमतों में कमी: गेहूं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद।
भारत में गेहूं की खेती
1. मुख्य उत्पादक राज्य: पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश।
2. जलवायु और मिट्टी: गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता।
3. किसानों की आय: गेहूं की खेती से किसानों की आय में वृद्धि।
गेहूं की चाल आगे क्या होगा
1. *गेहूं मौसम की स्थिति मौसम की स्थिति का प्रभाव गेहूं की खेती पर पड़ेगा।
2. * गेहूं की सरकारी नीतियाँ:* सरकारी नीतियों का प्रभाव गेहूं की खेती पर पड़ेगा।
3 . गेहूं बाजार की मांग*: बाजार की मांग गेहूं की कीमतों को प्रभावित करेगी।
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Gehu ka bhav गेहूं के भाव की वर्तमान स्थिति
बूंदी(BUNDI)
ITC क्वॉलिटी -2800/2825 +25
मिल क्वॉलिटी -2750/2775 +15
एवरेज टुकड़ी -2775/2800 +25
आवक: 1000 कट्टे
नीमच(NEEMUCH)
मिल क्वालिटी गेहूँ -2875 +25
लोकवान गेहूँ -2950/3000 +25
बढ़िया टुकड़ी गेहूँ -2900/3125 +25
मालवराज गेहूँ -2850/2925 +25
BEST लोकवान क्वालिटी -3100/3425 +25
आवक – 2000 बोरी
नजफगढ़ (NAJAFGARH)-2850/2900 +25
आवक: 200
बेगूसराय (BEGUSARAI)-2850/2900
आवक: 400
मुजफ्फरपुर(MUZAFFARPUR)-2900/2940
सिवानी(SIWANI)
गेहूं (WHEAT)–2830 +0
गेहूं मंडी (WHEAT MANDI)
धार (DHAR)
मालवराज गेहूँ -2680/2760 +0
लोकवन मिल -2700/2750 +0
लोकवान -2900/3062 +62
पूर्णा – 2800/2850 +0
आवक: 2000 बोरी
सरसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव: भविष्य की संभावनाएं
सरसों की मंदी और रिकवरी Sarso report today
पिछले हफ्ते सरसों की कीमतों में कमजोरी देखी गई, जो कि सरसों मिलों की लिवाली में कमी के कारण हुई। लेकिन सम्पूर्ण संसार के खाने वाले तेलों के बाजारों में आई मजबूती ने सरसो की मंदी को सिमित रखा। हफ्ते के अंत में कुछ रिकवरी भी आई।
Sarso ka bhav and कारण और प्रभाव
1. क्रशिंग में डिस्पैरिटी: मिलें ऊँचे भाव की सरसों की लेवाली से बच रहे हैं।
2. सरसों की सप्लाई: टाइट सप्लाई के कारण मिलें स्टॉक करने के लिए घटे भाव का इस्तेमाल कर रहे हैं।
3. खल की कमजोरी: खल के भाव में 50 रुपये क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
4. नाफेड की बिकवाली: नाफेड ने 10 लाख टन सरसो बेचा, जिससे नाफेड और हाफेड के पास 14-15 लाख टन सरसो बाकी रह गया है।
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सरसों भाव की भविष्य की संभावनाएं
1. उत्पादन में गिरावट: राजस्थान और गुजरात में सरसो की बुआई कम होने से पैदावार 10-15% घट सकती है।
2. लम्बी अवधि का नजरिया: सिमित सप्लाई और उत्पादन में गिरावट के चलते सरसो में मजबूती की संभावना है।
3. नजदीक समय में चाल: अंतराष्ट्रीय खाद्य तेल बाजारों और नाफेड-हाफेड की बिकवाली पर निर्भर करेगी।
4. संभावित उतार-चढ़ाव: घटने को 75-100 रुपये और बढ़ने को 200-500 रुपये की जगह है।
सरसों भाव में निवेश सलाह
1. स्थिर भाव में निवेश करना बेहतर।
2. आगे के सप्ताह में भाव में बदलाव की संभावना को ध्यान में रखें।
3. सरसो उत्पादन और मांग की स्थिति को समझें।

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