ग्रीष्मकालीन मूंग की वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सीखे पैदावार होगी पैदावार कमाई अपार !

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एक तीर से आप भी मार सकते हैं किसान साथियों दो निशाने इस फसल की खेती करके ! सब कुछ पड़े डिटेल्स में..

Mung Bean Farming : दोस्तों गेहूं चना सरसों मसूर और भी कुछ अन्य फसलों की कटाई अब  कुछ समय में समाप्त हो जाएगी इसके बाद में किसान 15 मार्च से लेकर 20 अप्रैल तक मूंग की बुवाई कर सकते हैं मूंग की फसल एक ऐसी फसल है

किसान साथियों जो किसानों को अधिक लाभ तो देती ही है उसी के साथ में अगले सीजन में जिस भी फैसले की आप खेती करते हो उसमें नाइट्रोजन की भी कमी नहीं आने देती है मूंग की फसल खेत में लगाने से नाइट्रोजन और कुछ अन्य पोषक तत्वों की कमी खेतों से दूर हो जाती है आज के इस आर्टिकल में हम मूंग की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपको बताने वाले हैं

मूंग की फसल में उर्वरकों का प्रयोग | Mung Bean Farming

यदि बात करें दोस्तों मूंग की फसल में किन पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है एक अच्छे उत्पादन के लिए तो मूंग की फसल पूर्णता पांच पोषक तत्वों की मांग आपसे करती है पहले जो तत्व है वह है कैल्शियम इस तत्व की जरूरत पौधे में कोशिका विभाजन और कोशिका भित्ति जब मौजूद रहती है

उसे समय पर सबसे ज्यादा पड़ती है इसकी मदद से पौधे नाइट्रेट नाइट्रोजन को प्रोटीन में परिवर्तित करते हैं और यह पोषक तत्व एक अच्छा उत्पादन के लिए काफी जरूरी है यदि बात करें दूसरे पोषक तत्व की तो फास्फोरस तत्व पौधों में बीज निर्माण फुल निर्माण और शाखों के विभाजन में कार्य आता है यह फसल को एक पूर्ण रूप से परिवर्तन करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

इससे किसानों को काफी अच्छा उत्पादन मिलता है किसान साथियों का विषय ध्यान रखें कि फास्फोरस की किसी भी प्रकार से कमी ना आए सल्फर जो तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है यह मूंग की फसल में प्रकाश संश्लेषण के लिए अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है | Mung Bean Farming

इसकी सहायता से प्रकाश संश्लेषण में काम आने वाले कई अहम एंजाइम सक्रिय होते हैं एक और प्रमुख पोषक तत्व बोरोन जो जड़ की ग्रंथियां को निर्माण में कोशिका भित्ति निर्माण और नाइट्रोजन के स्थानांतरण में काम आता है

यहां भी पौधे में एक प्रमुख पोषक तत्व है आखिरी जो सबसे प्रमुख पोषक तत्व की लिस्ट में नाम आता है वह है जिक ,जिंक की भूमिका तो आप जानते ही होंगे हर एक फसल में जिंक अत्यधिक महत्वपूर्ण है एक अच्छे उत्पादन के लिए

गर्मियों की मूंग की खेती का उत्पादन

Mung Bean Farming | यदि किसान साथियों आप मूंग की खेती में उन्नत किस्म सही बीज उपचार और एक सही मात्रा में बीच की बुवाई करते हैं तो आपके प्रति बीघा 10 से 12 क्विंटल का उत्पादन आसानी से मिल जाएगा

यदि मूंग की उन्नत और अच्छी किस्म की बात करें हां तो आईपीएम 205-7 विराट , आईपीएम 410-3 शिखा,आईपीएम 302-2 कनिका ,MDM 139,KM आजाद मूंग 1

ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के लिए बीज उपचार

दोस्तों हमारे खेतों में कई प्रकार के जीवाणु और विष्णु पाए जाते हैं जो जैसे ही हम किसी भी फसल का बीज होते हैं उसे समय पर फसल के बीच को काफी छाती पहुंचते हैं और अंकुरण के समय भी बीच को काफी क्षति पहुंचाते हैं और पौधे की ग्रोथ सही से नहीं होने देते हैं इसे रोकने के लिए आप सही तरीके से भी जब चरण कर सकते हैं..Mung Bean Farming

यदि बात करें मूंग और उड़द के जिस कालीन फसल के लिए बीज उपचार की तो सबसे पहले प्रति किलोग्राम बीच के हिसाब से दो से ढाई ग्राम थीरम एवं एक कार्बेन्डाजिम उपचारित करने के बाद राइजोबियम कल्चर टीका से बीजोपचार सेबी उपचार कर सकते हैं बीज उपचार करने के लिए 500 मि.ली. पानी में 100 ग्राम गुड़ और 2 ग्राम गोंद को पानी में मिलाकर गर्म

इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा करके राइजोबियम कल्चर/ टीका के एक पैकेट में 10 किलोग्राम बीच अच्छी तरह से मिला ले और उसे छाया में सूखने के लिए रख दे और उपचारित बीज को जब आप बुवाई करें उसे समय पर सल्फर धूल का अवश्य प्रयोग करें इसी प्रकार फास्फोरस फुलनशील बैक्टीरिया से बीच का शोध करना भी किसानों के लिए काफी लाभदायक रहेगा

गर्मियों के दिनों में मूंग की खेती में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें | Mung Bean Farming

किसान साथियों फसल का एक सही उत्पादन आपको चाहिए तो उसमें समय-समय पर आपको खरपतवार का नियंत्रण करना होगा यदि खरपतवार का नियंत्रण नहीं होता है तो किसानों का काफी नुकसान हो सकता है उत्पादन काफी कम हो जाएगा की बुवाई के बाद प्रारंभिक चार से पांच सप्ताह में हमें खरपतवार अधिक देखने को मिलता है

इसे यदि किसान चाहे तो निर्णय गोरी की सहायता से काफी आसानी से नष्ट कर सकते हैं जिससे खरपतवार तो नष्ट होगा उसी के साथ-साथ पौधों में वायुमंडल नाइट्रोजन का संचार बढ़ेगा और ऑर्गेनिक तरीके से ही किसान के उत्पादन में वृद्धि होगी और यदि किसान निराई गुड़ाई नहीं करना चाहते हैं

और रासायनिक तरीके से खरपतवार का नियंत्रण करना चाहते हैं तो बुवाई के दो से तीन दिन बाद और अंकुरण के पहले 2.5-3.0 मि.ली. प्रति लीटर पानी पानी में घोलकर सिरका करें जिससे 6 सप्ताह तक किसानों को खरपतवार की समस्या अपने फसल में देखने को नहीं मिलेगी

ओके की जगह वातावरण इस प्रकार होता है की चौड़ी पत्ती वाला खरपतवार और घास अधिक उग जाता है इसके नियंत्रण के लिए किसान एलाक्लोर की 4 लीटर या फिर फ्लूक्लोरालिन (45 ईसी) रसायन की 2.22 का 800 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के तुरंत बाद या फिर अंकुरण से पहले छिड़काव कर देना है | Mung Bean Farming

दोस्तों जो जानकारी हमने आपको दी है इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से ली गई है और किसानों का नीचे अनुभव है आप किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या फिर बीज उपचार के प्रयोग से पहले कृषि विशेषज्ञ से अवश्य सलाह ले

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