Moong Advisory | मुंग की फसल के लिए कृषि विशेषज्ञ ने जारी की नई एडवाइजरी जरूर जाने विस्तार से !

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मूंग किसानों के लिए आवश्यक एडवाइजरी जारी की अवश्य पड़े पूरी जानकारी विस्तार से..

Moong Advisory : देशभर में भी अधिकार क्षेत्र में किसान साथियों फसलों की कटाई पूर्ण रूप से समाप्त होने पर आ चुकी है इसके बाद कई क्षेत्रों में जहां पर सीजी तिलक का है वहां पर किसने की खेती करना पसंद करते हैं

लेकिन मूंग किसानों को काफी समस्या ऐसे रोगों से आती है जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है वह अचानक से फसल में आज धमकते हैं इस समस्या को देखते हुए कृषि विभाग में एडवाइजरी जारी की है

जिसके तहत खेती इन रोगों का प्रभाव आपकी फसल में होता है तो आप अवश्य उनका प्रावधान करें और भी महत्वपूर्ण जानकारी कृषि विभाग में किसानों से सजा की है

मूंग की फसल में उर्वरकों का प्रयोग | Moong Advisory

यदि बात करें दोस्तों मूंग की फसल में किन पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है एक अच्छे उत्पादन के लिए तो मूंग की फसल पूर्णता पांच पोषक तत्वों की मांग आपसे करती है पहले जो तत्व है वह है कैल्शियम इस तत्व की जरूरत पौधे में कोशिका विभाजन और कोशिका भित्ति जब मौजूद रहती है

उसे समय पर सबसे ज्यादा पड़ती है इसकी मदद से पौधे नाइट्रेट नाइट्रोजन को प्रोटीन में परिवर्तित करते हैं और यह पोषक तत्व एक अच्छा उत्पादन के लिए काफी जरूरी है यदि बात करें दूसरे पोषक तत्व की तो फास्फोरस तत्व पौधों में बीज निर्माण फुल निर्माण और शाखों के विभाजन में कार्य आता है..Moong Advisory

यह फसल को एक पूर्ण रूप से परिवर्तन करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इससे किसानों को काफी अच्छा उत्पादन मिलता है किसान साथियों का विषय ध्यान रखें कि फास्फोरस की किसी भी प्रकार से कमी ना आए सल्फर जो तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है

यह मूंग की फसल में प्रकाश संश्लेषण के लिए अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है इसकी सहायता से प्रकाश संश्लेषण में काम आने वाले कई अहम एंजाइम सक्रिय होते हैं एक और प्रमुख पोषक तत्व बोरोन जो जड़ की ग्रंथियां को निर्माण में कोशिका भित्ति निर्माण और नाइट्रोजन के स्थानांतरण में काम आता है

यहां भी पौधे में एक प्रमुख पोषक तत्व है आखिरी जो सबसे प्रमुख पोषक तत्व की लिस्ट में नाम आता है वह है जिक ,जिंक की भूमिका तो आप जानते ही होंगे हर एक फसल में जिंक अत्यधिक महत्वपूर्ण है एक अच्छे उत्पादन के लिए

रस चूसने वाले यह किट है अत्यंत खतरनाक इनका जल्द करें निवारण | Moong Advisory

सफेद मक्खी :- इस किट का प्रकोपीएफ फसल में शुरुआती अवस्था में होता है और इसे 70% तक फसल को छाती हो सकती है

माहू :- यह किट फसल में पत्तियों पर तनु में और अन्य स्थानों पर समूह बनाकर इकट्ठे हो जाते हैं और वहां से रस चूस कर फसल को छाती पहुंचते हैं

जैसिड :- यह किट भी फसल को कमजोर करता है रस चूस चूस कर और यहां निचले भाग में ज्यादा पाया जाता है

थ्रिप्स :- यहां के प्रमुखता पेट और फूल और फलियों को क्षति पहुंचती है और यहां भी उत्पादन घटाने में अपने प्रमुख भूमिका निभाता है

इन रस चूसने वाले कीटों के लिए उपयुक्त प्रावधान | Moong Advisory

इन सब रोगों में सबसे खतरनाक जो है वह कट है सफेद मक्खी इसके निवारण के लिए और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय उड़ने वाले कीटों के निवारण के लिए किसान मिथाइल डेमेटॉन 20 ई.सी. 500 मि.ली. या डाईमेथोएट 30 ई.सी. 500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। थायोमेथाक्सम 25 डब्ल्यूजी 100 ग्राम या एसीटामिप्रिड 20 एस.पी. 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल करें

गर्मियों की मूंग की खेती का उत्पादन Moong Advisory

यदि किसान साथियों आप मूंग की खेती में उन्नत किस्म सही बीज उपचार और एक सही मात्रा में बीच की बुवाई करते हैं तो आपके प्रति बीघा 10 से 12 क्विंटल का उत्पादन आसानी से मिल जाएगा

यदि मूंग की उन्नत और अच्छी किस्म की बात करें हां तो आईपीएम 205-7 विराट , आईपीएम 410-3 शिखा,आईपीएम 302-2 कनिका ,MDM 139,KM आजाद मूंग 1

कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह इन दवाई का ना करें किस इस्तेमाल

Moong Advisory | कृषि विभाग ने दोस्तों किसानों को जानकारी देते हुए यह बताया है कि किसान ग्रीष्म कालीन मूंग की खेती में पैराक्वाट एवं ग्लाइफोसेट दवाई का इस्तेमाल न करें यह दवाई किसान की फसल के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य को भी काफी हानि पहुंचती है

और याद आए किसानों के साथ-साथ उनके पशुओं को भी प्रभावित करती है यदि इस ग्रीष्मकालीन मूंग को पशुओं को खिलाते हैं तो इन दबाव के प्रभाव से किसानों के पशुओं को भी नुकसान हो सकता है

मूंग की फसल में किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्य जिन्हें किस करके कमा सकते हैं अच्छा लाभ

मूंग की फसल में उर्वरकों का प्रयोग  | Moong Advisory

यदि बात करें दोस्तों मूंग की फसल में किन पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है एक अच्छे उत्पादन के लिए तो मूंग की फसल पूर्णता पांच पोषक तत्वों की मांग आपसे करती है पहले जो तत्व है वह है कैल्शियम इस तत्व की जरूरत पौधे में कोशिका विभाजन और कोशिका भित्ति जब मौजूद रहती है

उसे समय पर सबसे ज्यादा पड़ती है इसकी मदद से पौधे नाइट्रेट नाइट्रोजन को प्रोटीन में परिवर्तित करते हैं और यह पोषक तत्व एक अच्छा उत्पादन के लिए काफी जरूरी है यदि बात करें दूसरे पोषक तत्व की तो फास्फोरस तत्व पौधों में बीज निर्माण फुल निर्माण और शाखों के विभाजन में कार्य आता है..Moong Advisory

यह फसल को एक पूर्ण रूप से परिवर्तन करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इससे किसानों को काफी अच्छा उत्पादन मिलता है किसान साथियों का विषय ध्यान रखें कि फास्फोरस की किसी भी प्रकार से कमी ना आए सल्फर जो तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है यह मूंग की फसल में प्रकाश संश्लेषण के लिए अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है

इसकी सहायता से प्रकाश संश्लेषण में काम आने वाले कई अहम एंजाइम सक्रिय होते हैं एक और प्रमुख पोषक तत्व बोरोन जो जड़ की ग्रंथियां को निर्माण में कोशिका भित्ति निर्माण और नाइट्रोजन के स्थानांतरण में काम आता है

यहां भी पौधे में एक प्रमुख पोषक तत्व है आखिरी जो सबसे प्रमुख पोषक तत्व की लिस्ट में नाम आता है वह है जिक ,जिंक की भूमिका तो आप जानते ही होंगे हर एक फसल में जिंक अत्यधिक महत्वपूर्ण है एक अच्छे उत्पादन के लिए

ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के लिए बीज उपचार | Moong Advisory

दोस्तों हमारे खेतों में कई प्रकार के जीवाणु और विष्णु पाए जाते हैं जो जैसे ही हम किसी भी फसल का बीज होते हैं उसे समय पर फसल के बीच को काफी छाती पहुंचते हैं और अंकुरण के समय भी बीच को काफी क्षति पहुंचाते हैं और पौधे की ग्रोथ सही से नहीं होने देते हैं इसे रोकने के लिए आप सही तरीके से भी जब चरण कर सकते हैं

यदि बात करें मूंग और उड़द के जिस कालीन फसल के लिए बीज उपचार की तो सबसे पहले प्रति किलोग्राम बीच के हिसाब से दो से ढाई ग्राम थीरम एवं एक कार्बेन्डाजिम उपचारित करने के बाद राइजोबियम कल्चर टीका से बीजोपचार सेबी उपचार कर सकते हैं बीज उपचार करने के लिए 500 मि.ली. पानी में 100 ग्राम गुड़ और 2 ग्राम गोंद को पानी में मिलाकर गर्म

इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा करके राइजोबियम कल्चर/ टीका के एक पैकेट में 10 किलोग्राम बीच अच्छी तरह से मिला ले और उसे छाया में सूखने के लिए रख दे और उपचारित बीज को जब आप बुवाई करें उसे समय पर सल्फर धूल का अवश्य प्रयोग करें इसी प्रकार फास्फोरस फुलनशील बैक्टीरिया से बीच का शोध करना भी किसानों के लिए काफी लाभदायक रहेगा

गर्मियों के दिनों में मूंग की खेती में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें | Moong Advisory

किसान साथियों फसल का एक सही उत्पादन आपको चाहिए तो उसमें समय-समय पर आपको खरपतवार का नियंत्रण करना होगा यदि खरपतवार का नियंत्रण नहीं होता है तो किसानों का काफी नुकसान हो सकता है उत्पादन काफी कम हो जाएगा की बुवाई के बाद प्रारंभिक चार से पांच सप्ताह में हमें खरपतवार अधिक देखने को मिलता है

इसे यदि किसान चाहे तो निर्णय गोरी की सहायता से काफी आसानी से नष्ट कर सकते हैं जिससे खरपतवार तो नष्ट होगा उसी के साथ-साथ पौधों में वायुमंडल नाइट्रोजन का संचार बढ़ेगा और ऑर्गेनिक तरीके से ही किसान के उत्पादन में वृद्धि होगी

और यदि किसान निराई गुड़ाई नहीं करना चाहते हैं और रासायनिक तरीके से खरपतवार का नियंत्रण करना चाहते हैं तो बुवाई के दो से तीन दिन बाद और अंकुरण के पहले 2.5-3.0 मि.ली. प्रति लीटर पानी पानी में घोलकर सिरका करें जिससे 6 सप्ताह तक किसानों को खरपतवार की समस्या अपने फसल में देखने को नहीं मिलेगी | Moong Advisory

ओके की जगह वातावरण इस प्रकार होता है की चौड़ी पत्ती वाला खरपतवार और घास अधिक उग जाता है इसके नियंत्रण के लिए किसान एलाक्लोर की 4 लीटर या फिर फ्लूक्लोरालिन (45 ईसी) रसायन की 2.22 का 800 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के तुरंत बाद या फिर अंकुरण से पहले छिड़काव कर देना है | Moong Advisory

दोस्तों जो जानकारी हमने आपको दी है इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से ली गई है और किसानों का नीचे अनुभव है आप किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या फिर बीज उपचार के प्रयोग से पहले कृषि विशेषज्ञ से अवश्य सलाह ले

 

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