Modern Farming Information : एक ऐसी खेती की जानकारी जिसमें आप सालाना ₹500000 तक ! का प्रॉफिट कमा सकते हैं क्या आप भी वह किसान है जो अपने पारंपरिक खेती से उसे प्रकार का मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं जो आप कमा सकते हैं तो किस साथियों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी खेती की जानकारी जिसमें आप सालाना ₹500000 तक का प्रॉफिट कमा सकते हैं
आधुनिक खेती की महत्वपूर्ण तकनीक की जानकारी
किसान साथियों जैसा कि आप जानते होंगे अब पारंपरिक खेती में आधुनिकता को जोड़ना काफी आम बात हो गई है इसी प्रकार अब काफी किसान अपनी पारंपरिक खेती से शिफ्ट होकर फूलों की खेती पर जा रहे हैं
- क्योंकि फूलों की खेती से सालाना अच्छा खासा प्रॉफिट आप निकल सकते हैं।
- क्योंकि यदि उचित समय पर और बाजार की मांग को देखते हुए फूलों की खेती की जाए तो फूलों के उचित दाम लिए जा सकते हैं
- फूलों की डिमांड निकालने के बाद जमीन पर अपनी पारंपरिक खेती की जा सकती है
- जिससे किसानों को काफी प्रॉफिट हो सकता है
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आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए फूलों की खेती की पूरी जानकारी लेकर आए हैं इसलिए आर्टिकल को अंत तक अवश्य पड़े
किसी भी प्रकार की खेती करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है (भूमि की तैयारी)
1.भूमि का चयन फूलों की खेती करने के लिए ऐसी जमीन का चयन करें जो समतल हो जिसमें ज्यादा पानी न ठहरता हो और सिंचाई की उत्तम व्यवस्था हो
2.फूलों की खेती करने के लिए भूमि का एक बार सॉइल टेस्टिंग यानी की भूमि परीक्षण अवश्य करवा ले
3. भूमि की विशेषता ; फूलों की खेती करने के लिए उत्तम प्रकार की भूमि होना आवश्यक है फूलों की खेती के लिए भूमि की 6 इंच तक की जुदाई उत्तम रहेगी और भूमि का पीएच मान 6.0 से 7.0 के बीच में होना चाहिए फूलों की खेती के लिए ऐसे खेत का चयन करें जिस पर पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी आती हो
4. फूलों की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी होनी चाहिए
1. दोमट मिट्टी: दोमट मिट्टी फूलों की खेती के लिए उत्तम होती है क्योंकि इसमें जल निकासी की व्यवस्था अच्छी होती है।
2. रेतीली दोमट मिट्टी: रेतीली दोमट मिट्टी फूलों की खेती के लिए उत्तम होती है क्योंकि इसमें जल निकासी की व्यवस्था अच्छी होती है।
3. काली मिट्टी: काली मिट्टी फूलों की खेती के लिए उत्तम होती है क्योंकि इसमें जैविक पदार्थ की मात्रा अधिक होती है।
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फूलों की खेती से लाभ लेने के लिए दूसरा प्रमुख कारक है सही किस्म और मांग अनुसार फूलों का चयन
1. फूलों की खेती में लाभ कमाने के लिए फूलों की प्रजाति और किस्म एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है तो किसान साथियों सबसे पहले हमें उत्तम प्रजातियों के फूलों का चयन करना है और उनकी सबसे अच्छी किस्म हमें लगानी
2. किसान साथियों भारत में प्रमुखता काफी सारे फूलों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि गुलाब गेंदा चमेली ट्यूलिप एवं और भी किस्म के फूल लेकिन प्रमुखता गेंदा एक ऐसा फूल है जो भारत में ज्यादातर जलवायु में अच्छा उत्पादन हमें दे सकता है लेकिन आप बाजार की मांग अनुसार फूलों की खेती कर सकते हैं
3. फूलों की खेती मे बाजार की मांग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जैसे की दीपावली और शादी की सीजन में फूलों की कीमत सबसे अधिक होती है तो आप उसके अनुसार फूलों की खेती कर सकते हैं
4. जलवायु फूलों की खेती में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जैसे की कुछ विशेष क्षेत्र में विशेष प्रजातियों के फूलों को ही उगाया जा सकता है तो कृपया फूलों की खेती करने से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखें
फूलों की बिजाई कैसे करें पर किस प्रकार करें जिससे मिल सकता है उत्तम उत्पादन
1. सबसे पहले भूमि को उत्तम प्रकार से परीक्षण कर ले उसके बाद में उर्वरकों का प्रयोग करें उर्वरक जैविक हो तो काफी अच्छा उत्पादन आ सकता है
2. फूलों की खेती कितने दिन की होगी यह फूल की प्रजाति के ऊपर निर्भर करता है पर प्रमुखता भारत में गेंदे की खेती ज्यादा की जाती है तो हम 90 दिन की गेंदे खेती को मान लेते हैं
3. आप गंदे की नर्सरी भी बना सकते हैं और बेड पद्धति गेंदे की बिजाई करें ताकि सिंचाई के समय आपको सहूलियत हो जाए या फिर ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं
4. बेड से बेड की दूरी 60 सेमी से 90 सेंटीमीटर रखें और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर से 65 सेंटीमीटर तक रख सकते हैं जिससे पौधे का विकास पूर्ण रूप से हो सके
गुलाब
- पौधे से पौधे की दूरी: 30-60 सेमी
- बैठ से बैठ की दूरी: 60-90 सेमी
गेंदा
- पौधे से पौधे की दूरी: 20-40 सेमी
- बैठ से बैठ की दूरी: 40-60 सेमी
ट्यूलिप
- पौधे से पौधे की दूरी: 10-20 सेमी
- बैठ से बैठ की दूरी: 20-30 सेमी
मैरीगोल्ड
- पौधे से पौधे की दूरी: 20-40 सेमी
- बैठ से बैठ की दूरी: 40-60 सेमी
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चमेली
- पौधे से पौधे की दूरी: 30-60 सेमी
- बैठ से बैठ की दूरी: 60-90 सेमी
यह ध्यान रखें कि ये दूरियाँ सामान्य हैं और विभिन्न फूलों की प्रजातियों और वातावरणीय परिस्थितियों के अनुसार समायोजित की जा सकती हैं।
फूलों की आधुनिक खेती में समय-समय पर देखभाल
- किसान साथियों फूलों की खेती में समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए
- और समय-समय पर पानी भी फूलों को देते रहना चाहिए
- ताकि उनका उत्तम विकास हो सके और हमें एक अच्छा उत्पादन मिले
- प्रमुखता फूलों की खेती में विजय के साथ से 70 दिन के भीतर हमें उत्पादन मिलना चालू हो जाता है
- जो अलग-अलग प्रजातियों के फूलों का अलग-अलग हो सकता है
- जो 100 दिन तक चलता है इसके बाद हम हमारी पारंपरिक खेती उसे जमीन पर कर सकते हैं
फूलों की खेती से कितना उत्पादन मिल सकता है
किसान साथियों फूलों का उत्पादन के कारक पर निर्भर करता है जैसे की कितनी भूमि में फूलों की खेती हुई है फूलों की प्रजाति जलवायु उर्वरक क्षमता एवं पौधों का स्वस्थ 1 एकड़ के अनुसार
गुलाब
- एक एकड़ में 50,000 से 1,00,000 गुलाब के पौधे लगाए जा सकते हैं।
- प्रति पौधे 1-2 किलो गुलाब के फूल मिलते हैं।
- एक एकड़ में कुल 5,000 से 20,000 किलो गुलाब के फूल मिलते हैं।
गेंदा
- एक एकड़ में 1,00,000 से 2,00,000 गेंदा के पौधे लगाए जा सकते हैं।
- प्रति पौधे 0.5-1 किलो गेंदा के फूल मिलते हैं।
- एक एकड़ में कुल 5,000 से 20,000 किलो गेंदा के फूल मिलते हैं।
ट्यूलिप
- एक एकड़ में 2,00,000 से 4,00,000 ट्यूलिप के पौधे लगाए जा सकते हैं।
- प्रति पौधे 0.1-0.2 किलो ट्यूलिप के फूल मिलते हैं।
- एक एकड़ में कुल 2,000 से 8,000 किलो ट्यूलिप के फूल मिलते हैं।
मैरीगोल्ड
- एक एकड़ में 1,00,000 से 2,00,000 मैरीगोल्ड के पौधे लगाए जा सकते हैं।
- प्रति पौधे 0.2-0.5 किलो मैरीगोल्ड के फूल मिलते हैं।
- एक एकड़ में कुल 2,000 से 10,000 किलो मैरीगोल्ड के फूल मिलते हैं।
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फूलों की खेती से कितना लाभ मिल सकता है
- फूलों की खेती से कई चीजों पर निर्भर करता है
- जैसे कि बाजार की मांग फूलों की प्रजाति जलवायु और किस प्रकार की खेती हुई है
- यदि बाजार की मांग को देखते हुए फूलों की खेती की जाए तो एक अच्छा खासा मुनाफा फूलों की खेती से कमाया जा सकता है
फूलों की खेती करते समय विशेष सावधानियां
1. फूलों की खेती करने से पहले मिट्टी की जांच करें और आवश्यक उर्वरकों का उपयोग करें।
2. फूलों को आवश्यक पानी दें, लेकिन अधिक पानी न दें जिससे मिट्टी में जलभराव हो।
3. फूलों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए आवश्यक कार्य करें, जैसे कि कीटनाशकों का उपयोग करना।
4.फूलों को आवश्यक तापमान में रखें, जिससे उनकी वृद्धि और विकास हो।
5.फूलों की प्रूनिंग करें जिससे उनकी वृद्धि और विकास हो।
6. फूलों की कटाई करने से पहले उनकी परिपक्वता का ध्यान रखें।
7.फूलों की खेती करने से पहले मिट्टी की उर्वरता का ध्यान रखें।
8. फूलों की खेती करने से पहले जलवायु का ध्यान रखें।
9. फूलों की देखभाल करें जिससे उनकी वृद्धि और विकास हो।
10. फूलों की खेती करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें
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नोट: किसान साथियों की जानकारी हमने आपको दी है कि इंटरनेट के ली गई है तो इसमें कुछ परिवर्तन भी आ सकता है कृपया अपनी खेती और व्यापार अपना विवेक पर करें धन्यवाद टीम Mandikabhav.net

About Author -: मेरा नाम रवि मीणा है में मूलतः राजगढ़ मध्यप्रदेश का निवासी हु और में काफी सालों से ब्लागिंग कर रहा हु मेरी रूचि नई नई योजनाओं तथा न्यूज के बारे में जानकारी लेकर उन्हें सभी लोगो तक एक दम सरल भाषा में इंटरनेट के माध्यम से पहुंचाकर उन्हें जागरूक करने में है इसलिए हमने यह वेबसाइट बनाई है हमारा उद्देश्य है की सभी लोगो तक सरकार की लाभकारी योजनाएं की जानकारी पहुंच सके हमने हर योजनाओं तथा न्यूज के पहलू का विस्तारपूर्वक अध्ययन के करने के बाद पोस्ट करते है फिर भी कोई त्रुटि या अन्य समस्या हो तो कृपया हमें ईमेल करे हमारा ईमेल पता है rm467ravi@gmail.com