मेरीगोल्ड की एक खास वैरायटी जिसकी कीमत है ₹100000 प्रति किलो जाने क्या है इसमें ऐसा खास ?
Marigold Varieties : देशभर में किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य खेती भी अभी काफी अच्छा मुनाफा दे रही है अब रुक फूलों की खेती पर भी काफी ज्यादा जा रहा है फूलों की खेती के साथ-साथ किसान सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं उसी के साथ में फूलों की खेती में सबसे प्रचलित गेंद की खेती पर किसानों का सबसे ज्यादा रुक है
क्योंकि गेंदे की खेती से किसान अधिक मुनाफा तो काम ही सकते हैं उसी के साथ में यह एक ऐसा फूल है जिसे यदि जमीन पर लगाया जाए तो उसे जमीन की उर्वरक क्षमता और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है
गंदे की खेती कई तरीके से किसान करते करते हैं जैसे कि किस बेड बनाकर नालियां बनाकर पोली हाउस पद्धति बस रोड पद्धति टेंट हाउस पद्धति और भी कुछ अन्य तरह की पद्धतियां होती है..Marigold Varieties
गंदे की खेती की जो किसान अपनाते हैं और एक काफी अच्छा उत्पादन लेते हैं लेकिन खेती में सबसे महत्वपूर्ण खेती करने का तरीका ही नहीं उसी के साथ में सिंचाई उर्वरक बीज उपचार और खरपतवार का नियंत्रण होता है और सबसे महत्वपूर्ण यदि कोई चीज ध्यान रखने लायक है तो वहां है वैरायटी यदि फसल की सही वैरायटी का किस चुनाव नहीं करते हैं
तो किसानों को उसे तरह का उत्पादन नहीं मिल पाता है जिसकी वह अस करते हैं भारतीय बागवानी अनुसंधान बेंगलुरु के द्वारा एक ऐसी गेंदे की वैरायटी का निर्माण किया गया है जिसकी कीमत है एक लाख रुपए किलो
आरका भानू वैरायटी क्या है | Marigold Varieties
आरका भानू गेंदे की वैरायटी खास करके बिहार के लिए उपयुक्त बताई जा रही है इस वैरायटी को विकसित भारतीय बागवानी अनुसंधान बेंगलुरु के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है
इस प्रशिक्षण में यह पता चला कि यह हल्के पीले रंग के गंदे हैं जो की बाजार में अधिकांश पसंद किए जाते हैं बाजार विशेषज्ञों का यह कहना है कि इस किस्म के मेरीगोल्ड की कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अधिक रहने वाली है यानी कि भारत के पड़ोसी राज्य जहां पर इस गेंडे को निर्यात किया जा सकता है..Marigold Varieties
वहां पर भी इसकी डिमांड रह सकती है और यदि घरेलू स्तर पर भी देखें तो बाजार में इस तरह का गेंदा काफी पसंद किया जाता है और वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां खास वैरायटी किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन देगी इससे किसान अधिक लाभ कम समय में ही कमा सकते हैं
ट्रेलर में मिला उम्मीद से ज्यादा उत्पादन | Marigold Varieties
इस वैरायटी का परीक्षण करने के लिए पूर्वी चंपारण कृषि विज्ञान केंद्र में सबसे पहले इस बीच की खेती प्रारंभ हुई और इसमें शानदार रिजल्ट सामने आ रहे हैं पेपर कोटी स्थित पंडित दीनदयाल एग्रीकल्चर कॉलेज में इस बीच का परीक्षण किया गया और इसकी खेती की गई
उसी के साथ में पूर्व सैनिक राजेश कुमार द्वारा भी इस खास मेरीगोल्ड की खेती की गई जिसमें सामने आया है कि औसतन जो प्रमुख पुरानी वैरायटी है वह उत्पादन देती है उससे काफी शानदार इसका उत्पादन रहा है बाजार में डिमांड भी इस तरह के फूलों की ज्यादा है और किस बेशक इस बीच को खरीद के खेती कर सकते हैं
Marigold Varieties | लेकिन इसकी कीमत ज्यादा होने के कारण किसान इस बीच को लेने में झिझक रहे हैं आगामी दिनों में यदि इसका मांस प्रोडक्शन होता है तो किसानों को कुछ राहत मिल सकती है
और इसकी कीमतों में कुछ गिरावट हमें देखने को मिल सकती है हालांकि एक बार यदि कोई कर्जन इस खास वैरायटी का बीज खरीद लेते हैं तो उन्हें दोबारा बीज लेने की कोई आवश्यकता नहीं होती है यदि वह प्रोडक्शन से ही बी निर्माण का कार्य कर सके तो
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