Land Production Capacity | गर्मी में खाली पड़े खेतो की उत्पादन क्षमता ऐसे बढ़ाए होगी बंपर पैदावार !

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किसान साथियों यदि आपने भी गेहूं की कटाई पूर्ण कर ली है यदि अगली फसल में कमाना चाहते हैं तगड़ा उत्पादन तो यह कार्य अवश्य कर ले….

Land Production Capacity | किसान साथियों देश भर में गेहूं चना मसूर सरसों जैसी रबी फसलों की कटाई चल रही है और कई जगहों पर कटाई समाप्त हो चुकी है अब ऐसे में दोस्तों कई समस्याएं किसानों को अगली फसल में देखने को मिलती है

जैसे की फसल का सूखना फसल के पत्ते झड़ना फुल झड़ना रोग का प्रकोप उपजाऊ क्षमता कम होना उत्पादन कब निकलना अधिक रासायनिक की आवश्यकता अधिक बढ़ाना इन समस्याओं को यदि आप दूर करना चाहते हैं तो कुछ आसान से उपाय हैं जिनका प्रयोग करके आप काफी आसानी से अपनी जमीन की उर्वरक क्षमता को बनाए रख सकते हैं

और उर्वरक क्षमता को बढ़ा भी सकते हैं ताकि आपको अगली फसल यानी खरीफ फसल में काफी अच्छा उत्पादन मिल जाए आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से आपको बताने वाले हैं कि आप किन उपायों का इस्तेमाल करके उत्पादन क्षमता भूमि की बढ़ा सकते हैं तो आर्टिकल को अंत तक अवश्य पड़े..Land Production Capacity

ढांचे और दलहन फसलों की खेती से बढ़ेगी भूमि की नाइट्रोजन क्षमता

Land Production Capacity : देशभर में किसानों को ऐसी कई फसलों के बारे में सरकार की तरफ से जानकारी दी जा रही है जिनकी खेती अधिक किस ग्रीष्मकालीन सीजन में करते हैं और उसे मिट्टी में मिला देते हैं तो इससे भूमि की उर्वरक क्षमता अचानक से बढ़ जाती है इनमें प्रमुखता डीजे की फसल आती है

ढांचे के बीच सरकार की तरफ से अनुदान पर भी वितरित किए जा रहे हैं ढांचे की खेती करके 20 से 30 दिन के अंदर इस यदि हैरो या फिर अन्य किसी कृषि यंत्र की सहायता से मिट्टी में मिला दिया जाए तो मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है मिट्टी की नाइट्रोजन मात्रा में ही वृद्धि होती है और पानी स्टोर करने की क्षमता भी मिट्टी की बढ़ जाती है

जिससे उत्पादन में हमें असीमित वृद्धि देखने को मिल सकती है अगली फसलों में यह प्राकृतिक तरीका है जिससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान खेती में नहीं होता है और यह प्रक्रिया काफी सरल है हालांकि यह प्रक्रिया उन्हें लागू के लिए नहीं है जिनमें सिंचाई की उत्तम व्यवस्था नहीं है…Land Production Capacity

यह कार्य गलती से भी ना करे किसान

जाने अनजाने में किसान ऐसी गलती कर देते हैं जिससे किसानों को आगे चलकर काफी नुकसान हो जाता है उन सब गलतियां में से सबसे प्रमुख है दोस्तों फसलों की पराली जलाना परली जाने से वातावरण को तो नुकसान होता ही है उसी के साथ में उससे ज्यादा नुकसानों का होता है | Land Production Capacity

मिट्टी में मौजूद माइक्रो सूक्ष्म तत्व प्रणाली जलाने के कारण हित के कारण नष्ट हो जाते हैं जिससे अगली फसल में उत्पादन कम देखने को मिलता है अगली फसल के साथ-साथ यह किसानों को दीर्घकाल में बहुत ही नुकसान पहुंचा सकती है

और जमीन को बंजारा भी कर सकती है पराली जलाने के जगह आप परली का भूसा बनवा सकते हैं मशीन की सहायता से या फिर परली के अन्य उत्पाद जो मार्केट में अभी बिकते हैं आप वहां बनाकर सेलिंग भी कर सकते हैं

जिससे एक तीर से दो निशाने हो जाएंगे और एक अच्छी खासी इनकम भी किस काम सकते हैं कई राज्य सरकार पर वाले निपटारण के लिए कृषि यंत्र पर अनुदान दे रही है अब वह भी खरीद सकते हैं

सबसे आसान उपाय जो किसान कर सकते हैं उत्पादन बढ़ाने के लिए

सबसे आसान उपाय जो किसानों के सामने आता है जिसका प्रयोग अधिकांश किसान करते हैं और जो ऊपर बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है वह है गहरी जुताई किस फसल काटने के बाद गहरी जुताई करें और गोबर की खा लिया वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग कर सकते हैं जिससे एक अच्छी उत्पादन अगली फसलों में किसानों को देखने को मिल सकता है..Land Production Capacity

नोट; Mandikabhav.net वेबसाइट किसी भी सरकारी संस्था सरकारी विभाग या किसी भी सरकारी मंत्रालय से जुड़ी नहीं है ना ही किसी से कोई संबंध रखती है यहां सिर्फ एक व्यक्तिगत लेख एवं ब्लॉग है जिसमें दी गई समस्त जानकारी इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से ली गई है यदि इस आर्टिकल में किसी भी प्रकार की त्रुटि आई है तो कृपया क्षमा करें एवं हम से संपर्क करके कृपया उसे त्रुटि के बारे में बताएं हमारी टीम उसे त्रुटि को जल्द से जल्द सही करने का प्रयास करेगी धन्यवाद टीम Mandikabhav.net

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