चना की तेजी-मंदी रिपोर्ट ( Gram up-down report)
चने में तेजी कब बनेगी चने की तेजी-मंदी रिपोर्ट
सटीक जानकारी यदि आप चने किसान हो तो आप इस लेखा में जानिए संपूर्ण रिपोर्ट
बिकवाली और लेवाली दोनों ही कमजोर होने से चने के भाव में स्थिरता आ गई है। बाजार में चना की उपलब्धता कमजोर बनी हुई है जिस कारण बिकवाल कम भावों पर चना की बिकवाली के इच्छुक नहीं है। पक्के मालों में मांग निकलने पर यहां से चना की कीमतों में अच्छी बढ़त देखी जा सकती है। दाल मिलर्स की मांग निकलने से भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल तक बोले गए।
देसी चना
स्टॉक सीमा के कारण चने में जो तेजी मंदी बन रही है देखें इस लेखा में
सरकार द्वारा पिछले दिनों स्टॉक सीमा लगा दिए जाने से देसी चने में ऊपर के भाव से 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई, लेकिन इन भावों में उत्पादक मंडियों से माल मिलना मुश्किल हो गया है, इसे देखते हुए और मंदा नहीं लग रहा है तथा धीरे-धीरे इसमें फिर तेजी की संभावना दिखाई दे रही है।
आवक क्या प्रभाव पड़ेगा चने के भाव पर
क्या आवक काम होने से चने में तेजी बनेगी
महाराष्ट्र में डेढ़ महीने पहले ही माल आना काफी कम हो गया था, वर्तमान में केवल राजस्थान के शेखावाटी, नोहर, भादरा, सवाई, माधोपुर, तारानगर सरदारशहर आदि उत्पादक मंडियों से ही माल आ रहा है, लेकिन वहां भी आवक टूट जाने से दिल्ली के पड़ते काफी ऊंचे लग रहे हैं।
सरकार की दहशत से यहां 10-12 दिनों के अंतराल स्टॉक के माल कारोबारी घटाकर बेचने लगे हैं क्योंकि सरकार पोर्टल पर स्टॉक प्रत्येक शुक्रवार को लोड करने की बात कही है।
देश में देसी चने की खपत 120 लाख मैट्रिक टन की है, जबकि कुल उत्पादन 70-75 लाख मीट्रिक टन मुश्किल से व्यापारिक अनुमान है, वहीं सरकारी उत्पादक अनुमान 115 लाख मीट्रिक टन के आसपास आ रहा है।
इधर दिल्ली एनसीआर में चने का स्टॉक ज्यादा है ही नहीं। दूसरी ओर स्टॉक सीमा की दहशत में काफी माल निकल चुके हैं, इस वजह से वर्तमान भाव के देसी चने में और घटने की गुंजाइश नहीं है।
सरकार द्वारा 200 टन की स्टॉक सीमा लगाई गई है, जबकि सामान्य व्यापारी एक दिन में ही 100 टन माल बेच जाते हैं, इस स्थिति में यदि स्टॉक सीमा नहीं बढ़ाई गई तो, पाइपलाइन में माल धीरे-धीरे निपट जाएंगे।
तथा आगे चलकर शॉर्टेज ज्यादा बन जाएगी, जिसको नियंत्रित करना काफी कठिन काम हो जाएगा। सरकार द्वारा ऑस्ट्रेलिया से आयात, कम कस्टम ड्यूटी पर किए जाने की अनुमति दे दी गई है।
तथा सौदे भी हो रहे हैं, लेकिन वहीं पर बाजार तेज हो जाने से वर्तमान भाव से सस्ता नहीं पड़ रहा है। अतः कुछ दिन ठहर कर आगे भी देसी चना शॉर्टेज में तेज ही रहेगा।
मांग का क्या प्रभाव पड़ रहा है चने के तेजी में मांग सुस्त बनी रहने से चना की कीमतों में स्थिरता।_लिवाली व बिकवाली सुस्त बनी रहने से चना की कीमतों में घट बढ़ जारी। चना दाल में आपेक्षित मांग का अभाव बना रहने से चना में मिलर्स की लिवाली शांत बनी हुई है जिस कारण चना की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। बाजार में चना की उपलब्धता कमजोर बनी हुई जिसे देख बिकवाल कम भावो पैर चना की बिकवाली के इच्छुक नहीं। लेकिन बढे भावो पर ग्राहकी का समर्थन नहीं मिल रहा जिससे कीमतों में तेजी मंदी का रुख जारी है। मांग सुस्त बनी रहने से दिल्ली चना की कीमतों में आज कोई तेजी मंदी नहीं देखी गयी।बाजार की संपूर्ण स्थिति तेजी कब तक आने के आसार बन रहे हैंऔर भाव मध्य प्रदेश लाइन 6825/6850 रुपए व राजस्थान लाइन 6875/6950 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रह गए। छिट पुट लिवाली बढ़ने से कटनी चना में शाम के सत्र में 50 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया और भाव 6850/6900 रुपए प्रति क्विंटल हो गयी। जबकि इंदौर चना की कीमतों में कोई घट बढ़ नहीं देखी गयी और भाव 6900 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इसी प्रकार कानपुर चना की कीमतों में भी कोई हल चल नहीं देखी गयी और भाव 6850 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
मांग सुस्त बनी रहने से चना की कीमतों में स्थिरता।_लिवाली व बिकवाली सुस्त बनी रहने से चना की कीमतों में घट बढ़ जारी। चना दाल में आपेक्षित मांग का अभाव बना रहने से चना में मिलर्स की लिवाली शांत बनी हुई है जिस कारण चना की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। बाजार में चना की उपलब्धता कमजोर बनी हुई जिसे देख बिकवाल कम भावो पैर चना की बिकवाली के इच्छुक नहीं। लेकिन बढे भावो पर ग्राहकी का समर्थन नहीं मिल रहा जिससे कीमतों में तेजी मंदी का रुख जारी है। मांग सुस्त बनी रहने से दिल्ली चना की कीमतों में आज कोई तेजी मंदी नहीं देखी गयी।और भाव मध्य प्रदेश लाइन 6825/6850 रुपए व राजस्थान लाइन 6875/6950 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रह गए। छिट पुट लिवाली बढ़ने से कटनी चना में शाम के सत्र में 50 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया और भाव 6850/6900 रुपए प्रति क्विंटल हो गयी। जबकि इंदौर चना की कीमतों में कोई घट बढ़ नहीं देखी गयी और भाव 6900 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इसी प्रकार कानपुर चना की कीमतों में भी कोई हल चल नहीं देखी गयी और भाव 6850 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।
देसी चना- वर्तमान भाव पर खरीदिए*
देसी चने की महंगाई को रोकने के लिए सरकार द्वारा जो स्टॉक सीमा लगा दि गयी जिसके चलते चना 7500 से लुढ़क कर 6900 रुपए नीचे में बनने के बाद 7025 बोलने लगे हैं तथा अब यहां से घटने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है, क्योंकि उत्पादक मंडियों में माल नहीं है इन परिस्थितियों में दाल मिलें खाली चल रही है। अतः जो वर्तमान भाव में जहां भी देशी चना मिले, माल खरीदना चाहिए। वर्तमान में बाजार की जड़ में मंदा नहीं
चना अगस्त तक अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगा
अब चना में आने वाला समय डिमाण्ड का है
साप्ताहिक चना बाजार रिपोर्ट
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~चना मे पिछला सप्ताह अच्छा तेजी का रहा, बाजार मे निचले स्तर से 100/150 का सुधार रहा,
निचे भाव मे हल्की हल्की ग्राहकी से बाजार मे सुधार रहा, सस्ते मटर ने चना कि बिक्री को कमजोर किया है…
12 जुलाई तक स्टॉक लिमिट मे लाना है इसलिए स्टॉकिस्ट बिकवाली बढ़ सकती है, इसके बाद सरकार के कदमो के ऊपर बाजार कि दिशा तय होंगी,….
यह सप्ताह भी रोलिंग मे रहना उचित है स्टॉक के लिए रुकना अच्छा है.. हालांकि अभी देसी नया चना को आने मे अभी भी लगभग 6 महीने है उसके बीच मे ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका कि चना फसल भी आनी है वह भी अक्टूबर महीने के बाद से ही आना चालू होंगी, इसलिए बाजार अभी रेंज मे ही घूमता हुआ दिख रहा है चना कि तेजी अब कुछ हद तक मटर के ऊपर डिपेंड है मटर के भाव बढ़ेंगे तो चना भी सुधर सकता है….
दिल्ली चना रेंज 6850/7050

About Author -: मेरा नाम रवि मीणा है में मूलतः राजगढ़ मध्यप्रदेश का निवासी हु और में काफी सालों से ब्लागिंग कर रहा हु मेरी रूचि नई नई योजनाओं तथा न्यूज के बारे में जानकारी लेकर उन्हें सभी लोगो तक एक दम सरल भाषा में इंटरनेट के माध्यम से पहुंचाकर उन्हें जागरूक करने में है इसलिए हमने यह वेबसाइट बनाई है हमारा उद्देश्य है की सभी लोगो तक सरकार की लाभकारी योजनाएं की जानकारी पहुंच सके हमने हर योजनाओं तथा न्यूज के पहलू का विस्तारपूर्वक अध्ययन के करने के बाद पोस्ट करते है फिर भी कोई त्रुटि या अन्य समस्या हो तो कृपया हमें ईमेल करे हमारा ईमेल पता है rm467ravi@gmail.com