चावल मक्का और बाजरे में आगे क्या करें जाने इस रिपोर्ट में

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दोस्तों इस पोस्ट में हम बात करेंगे चावल मक्का और बाजरे में आगे क्या करें जाने इस रिपोर्ट में चावल मक्का बाजार में आगे क्या होगा यानी कि आने वाले समय में चावल मक्का बाजार क्या रुक दिखाएगा कितनी तेजी मंदी रहेगी आपको रखना है बेचना है या खरीदना है  अगर हमारी पोस्ट पसंद आए तो लगातार हमारे इस वेबसाइट पर विजिट करते रहे और अपडेट लेते रहे नई अपडेट के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर जुड़े हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें WATSUP GROUP में जुड़े

चावल में एकदम से निर्यात अब आगे तेजी या मंदा जाने इस रिपोर्ट में 

चावल-निर्यात में ठप से मंदा
8 मार्च निर्यात सौदे पिछले 2 महीने से काफी कम हुए हैं। वहीं पहले के हुए सौदे, लंबा समय लगने से समय पर शिपमेंट नहीं हो पा रहे हैं। यही कारण है कि उत्पादक मंडियों से चावल की खरीद निर्यातक कम कर रहे हैं। दूसरी ओर डॉमेस्टिक मार्केट में ग्राहक पहले से ही काफी कम है, इन परिस्थितियों को देखते हुए अभी चावल में तेजी की गुंजाइश नहीं लग रही है। मोटे चावल राज्यों में भी नए आने लगे हैं तथा निर्यात में माल कम जा रहा है, जिससे इसमें भी मंदा ही अभी रहने की
उम्मीद है।

मक्का में अभी बड़ा रिस्क नहीं जिससे बाजार में आएगी तेजी या मंदा

मक्की-व्यापार में कोई रिस्क नहीं
8 मार्च मक्की की फसल आने में अभी लंबा समय बाकी है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के लिंगा, मुलताई, छिंदवाड़ा लाइन में आवक घटने लगी है। रैक पॉइंट पर 2300 रुपए प्रति क्विंटल से कम में बढ़िया मक्की नहीं मिल रही है तथा नमी वाली मक्की 2260 रुपए तक बिक रही है। वास्तविकता यह है कि मक्की की खपत एथेनॉल बनाने में भी होने लगी है। अतः राइस मिलें और मंडे की धारणा में खरीद कम कर रहे थे। यही कारण है कि दोबारा मक्की बढ़कर हरियाणा पंजाब पहुंच 2600/2620 रुपए प्रति क्विंटल क्वालिटी के अनुसार हो गई है। बिहार की मकई के पड़ते नहीं है, क्योंकि वहां की लोकल खपत बढ़ गई है।

अगर आपके पास रखा है बाजार तो अब किस भाव में बिकेगा जाने

बाजरा-मंडिया में आवक समाप्त

8 मार्च बाजरे की आवक यूपी राजस्थान एवं हरियाणा की मंडियों में पूरी तरह समाप्त हो गई है। अब वर्तमान में स्टॉक के माल जो कच्ची मंडियों में पड़े हुए हैं, वही हरियाणा पंजाब पहुंच में जा रहे हैं। दूसरी ओर डिस्टिलरी प्लांटों की लगातार लिवाली को देखते हुए बाजार अभी और तेज लग रहा है। बाजरे की गर्मी वाली फसल के आने में भी अभी लंबा टाइम है तथा मुख्य फसल सितम्बर में आएगी व्यापार में रिस्क नहीं दिखाई दे रहा है।

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