organic fertilizer : रसायनिक खाद से खेती हो गई खराब तो घर पर बनाएं यह खाद मिलेंगी दुगनी पैदावार !

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

भूमी को बंजर होने से बचाएं इन  रसायनिक खादो की जगह इस जैविक खाद का प्रयोग करे होगी दो गुनी पैदावार.. 

organic fertilizer : रसायनिक खाद से खेती हो गई खराब तो घर पर बनाएं यह खाद मिलेंगी दुगनी पैदावार ! किसान साथियों खेती में खाद एक बहुत ही प्रमुख और महत्वपूर्ण कारक है

खेती को लाभदायक फायदेमंद और उत्पादन में वृद्धि लेने के लिए यदि हम अच्छे उर्वरकों का इस्तेमाल खेती के लिए करते हैं organic fertilizer

तो मैं उत्पादन में भी वृद्धि देखने को मिलती है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी नष्ट होती है

आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ जैविक उर्वरक के बारे में जानकारी लेकर आए हैं

जिसे आप काफी आसानी से अपने घर पर तैयार कर सकते हैं और अपनी खेती में इनका प्रयोग करके उत्पादन में वृद्धि ले सकते हैं एवं उसी के साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं

organic fertilizer || जिससे आपको कई प्रकार के फायदे होंगे जैसे की आपको रासायनिक खाद जो काफी महंगे आते हैं जैसे की पोटेशियम फॉस्फोरस जिंक माइक्रोऑर्गेनाइज्म एवं और भी कई रासायनिक उर्वरक जिनका इस्तेमाल खेती में आपको करना पड़ता है

उनके इस्तेमाल से आप बच सकते हैं काफी हद तक और इन खाद को आप आपके घर में जो समान है आपके पशुपालन से जो वेस्टेज मल मूत्र निकलता है उससे काफी आसानी से बना सकते हैं

organic fertilizer जैविक उर्वरकों के क्या फायदे हैं ?

जैविक उर्वरकों के कई फायदे किसान साथियों आपको मिलेंगे जैसे की मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ेगी जिससे उत्पादन में प्रतिवर्ष आपको वृद्धि देखने को मिलेगी

उसी के साथ किसान साथियों यह आपकी सेहत के लिए भी काफी अच्छा है जैविक उर्वरकों के उपयोग से तैयार अनाज एवं सब्जियां काफी लाभदायक रहती हैं एवं इससे आप अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं

क्योंकि जिन खेतों में जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है सिर्फ उसी की मदद से खेती की जाती है

इस प्रकार के अनाज और सब्जियों की मार्केट में काफी डिमांड है और हाई रेट किसान ले सकते हैं और यह जैविक उर्वरक रासायनिक उर्वरक की अपेक्षा काफी सस्ता भी है

 इस जैविक खाद को कैसे बनाए organic fertilizer

इस जैविक खाद को बनाने के लिए आपको किसी भी प्रकार की रासायनिक सामग्री का इस्तेमाल नहीं करना है

आपको गाय का गोबर लेना है मूत्र लेना है बेसन गुड और पानी को एक खाली पड़े ड्रम में मिलाकर अच्छे से घूम लीजिए फिर उसमें पीपल के पेड़ के पास वाली मिट्टी को मिला दीजिए और इसे छाया वाले स्थान पर रख दीजिए

करीबन एक सप्ताह के लिए उसके पश्चात आप इसे दो-तीन दिन लकड़ी से घुमाई है आपका एक जैविक उर्वरक बनकर तैयार है

जिसका इस्तेमाल आपके विभिन्न प्रकार की सब्जियां और एवं समस्त फल वालों पौधों में कर सकते हैं जिससे आपको उत्पादन में भी वृद्धि देखने को मिलेगी

जीवामृत एक प्राकृतिक और जैविक उर्वरक है जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और फसलों की वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस उर्वरक का उपयोग आपके प्रकार की फसलों में कर सकते हैं जैसे की

धान
जीवामृत धान की फसल के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि यह मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की मात्रा बढ़ाता है।

गेहूं organic fertilizer
जीवामृत गेहूं की फसल के लिए भी बहुत उपयोगी है क्योंकि यह मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाता है

मक्का organic fertilizer
जीवामृत मक्का की फसल के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है

अलसी
जीवामृत अलसी की फसल के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह मिट्टी में फॉस्फोरस और पोटाश की मात्रा बढ़ाता है

तिल
जीवामृत तिल की फसल के लिए भी बहुत उपयोगी है
मिर्च
जीवामृत मिर्च की फसल के लिए भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की मात्रा बढ़ाता है

टमाटर जीवामृत टमाटर की फसल के लिए भी बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाता है

जीवामृत का उपयोग करने से पहले मिट्टी की जांच करें और आवश्यकतानुसार इसका उपयोग करें

गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट organic fertilizer

किसान साथियों गोबर की खाद खेती के लिए कितनी लाभदायक होती है यह आप सब जानते होंगे

लेकिन किसान साथियों गोबर की खाद को भी कुछ विशेष प्रकार से इस्तेमाल करके इसके पूरे लाभ आप ले सकते हैं

जैसे कि गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से पहले आप इसे एक गड्ढा खोद कर एक साल या फिर और भी अधिक समय के लिए इसे छोड़ सकते हैं

उसके बाद इसका प्रयोग करने से आपको और भी ज्यादा लाभ देखने को मिलेंगे : organic fertilizer

नोट :- किसान साथियों जो जानकारी हमने आपको दी है यह जानकारी इंटरनेट के विभिन्न स्रोतों से ली गई है तो इसे अपने खेतों में अमल करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें

Leave a Comment