Mustard up-down report:सरसों की तेजी-मंदी रिपोर्ट: मांग में कमी और उत्पादन में गिरावट की संभावना
पिछले सप्ताह की गिरावट
- जयपुर सरसों की कीमतें सोमवार को 6575/6600 रुपये पर खुली थीं और शनिवार शाम को 6550 रुपये पर बंद हुईं
- पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग न रहने से -50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
- मौजूदा डिमांड के सामने पर्याप्त सप्लाई के चलते सरसो दबाव में है।
भविष्य की उम्मीदें
- सरसो कमजोर बुवाई के चलते अगले सीज़न उत्पादन घटने की संभावना।
- उत्पादन घटने से मीलों को नई फसल से पहले सप्लाई की दिक्कत हो सकती है।
- सरकारी स्टॉक की क्वालिटी हल्की होने के बावजूद फिलहाल बिड ऊंची लग रही है।
- ऊंची बिड ने फिलहाल सरसो की कीमतों को बड़ी गिरावट से बचा रखा है।
- हालांकि जैसे जैसे नई फसल का समय करीब आएगा, सरसो में दबाव दिखेगा।
- मीलों के पास तेल और खल का पर्याप्त स्टॉक पड़ा है।
- तेल के पुराने सौदे का उठाव कमजोर है जिसके चलते नई डिमांड फिलहाल कमजोर।
- सरसो तेल फिलहाल पाम तेल से भी सस्ता ट्रेड कर रहा है।
- तेल और खल की मांग को देखते हुए फिलहाल सरसो में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं।
- पाम तेल से सस्ता होने और सोया तेल के साथ कम अंतर के चलते सरसो तेल में ज्यादा घट बढ़ नहीं और सिमित दायरे में रहने का अनुमान।
- उत्पादन घटने की संभावना से अगले सीज़न सरसो का भविष्य अच्छा रहेगा।
- जयपुर सरसो 6525 के अपने सपोर्ट के करीब जिसके नीचे फिसलने पर 6275 तक गिरावट बढ़ेगी।
भारत में सरसों बिजाई में पिछड़ने के कारणों और इसके प्रभावों पर एक विस्तृत विश्लेषण एवं भाव भाव पर असर
*कारण*
1. *गेहूं को प्राथमिकता*: जिन क्षेत्रों में गेहूं और सरसों बिजाई होती है, वहां गेहूं को पहले प्राथमिकता दी गई। इसका कारण यह है कि गेहूं के भाव अधिक थे और तापमान ऊंचा था।
2. *चना की कीमतें मजबूत*: दूसरी रबी फसल चना की कीमतें मजबूत होने से राजस्थान और मध्य प्रदेश में सरसों की जगह चना को प्राथमिकता दी गई।
3. *अलसी और मूंगफली बिजाई में कमी*: अलसी और मूंगफली बिजाई भी गत वर्ष से कमजोर दिखी।
*प्रभाव*
1. *सरसों उत्पादन में कमी*: सरसों बिजाई में पिछड़ने से उत्पादन में कमी आ सकती है।
2. *कीमतों पर प्रभाव*: उत्पादन में कमी से सरसों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
3. *किसानों की आय पर प्रभाव*: सरसों की कीमतों में बदलाव से किसानों की आय पर प्रभाव पड़ सकता है।
*सरकारी आंकड़े*
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गत सप्ताह तक सरसों बिजाई 81 लाख हेक्टेयर में की गई, जो गत वर्ष
- 84.7 लाख हेक्टेयर थी। राज्यवार आंकड़े आने बाकी हैं।

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